विश्व के तीसरे ई-बेस, थर्ड पोल ई-बेस अब जीवंत है! हम लेह में उपस्थित अपने दोस्तों को बधाई देना चाहेंगे जिन्होंने ‘दुनिया के शीर्ष‘ के लिए सौर उर्जा लाने में कामयाब रहे हैं।
आप इस पोस्ट को पढने पर जानेंगे कि, वैश्विक हिमालय अभियान दल थर्ड पोल ई-बेस पर कड़ी मेहनत कर रहा है। सौर पैनलों की स्थापना से लेकर दीवारों की रंगाई तक, यह ई-बेस इस उदार और प्रतिभाशाली टीम के व्यक्तिगत प्रयासों का नतीजा है।
क्या आप नवीनतम ई-बेस के बारे में नहीं जानते हैं?
शब्द ई-बेस पौराणिक ध्रुवीय अन्वेषक और संयुक्त राष्ट्र के सद्भावना राजदूत सर रॉबर्ट स्वान द्वारा गढ़ा गया था। ई-बेस ध्यान से चयनित पर्यावरण के अनुकूल सामग्री से निर्मित एक स्थायी हरित इमारत है। ई-बेस शैक्षिक, पर्यावरण और ऊर्जा के मुद्दों के लिए एक मॉडल के रूप में कार्य करता है। इसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के मुद्दे से निपटने के लिए वैश्विक दर्शकों को प्रेरित करना है। यह जलवायु परिवर्तन में योगदान देने वाले, जीवाश्म ईंधन के लिए एक विकल्प के रूप में वैकल्पिक ऊर्जा के प्रदर्शन के लिए प्रयास करता है। यह दर्शाता है की अगर हम पृथ्वी के दूरस्थ स्थानों पर असंभव को प्राप्त कर सकते हैं, तो हम सब हमारे अपने पिछले आंगन में छोटे, सम्भव कदम ले सकते हैं।
थर्ड पोल ई-बेस बनाने के पीछे विचार इस तथ्य को विश्व समुदाय के साथ साझा करना है कि; कैसे जलवायु परिवर्तन न केवल प्रभावित करता है बल्कि जीवन को बाधित भी करता है। बादल फटने के कारण सूखा और बाढ़ की समस्या का सामना करने के बाद स्थानीय आबादी, एक महीने में वापस सामान्य स्थिति में आने में सक्षम थी जो सतत रहने का सबक देती है और दुनिया के लिए और एक महत्वपूर्ण शिक्षक साबित होती है।
“रूफ ऑफ़ द वर्ल्ड’ नाम के अनुरूप ज्ञान को अग्रसर करती है और हमारे कार्यों में सत्यता लती है तथा हम सभी के लिए झूठ पर खुद को आत्मसमर्पण से बचाने के लिए ‘असली छत’ प्रदान करती है।
इस ई-बेस के ज़रिये, हम उन साधारण लोगों और समुदायों की कहानियों को उजागर करना चाहते हैं जो अपने स्वयं के अस्तित्व की ओर छोटे कदम उठाने से, अपने ग्रह को बचाने की दिशा में अनजाने में असाधारण काम करते हैं और असाधारण जिम्मेदारियों को उठाते हैं।
अंटार्कटिका में पहले ई-बेस और 2041 पर पढ़ें: http://2041.com/
स्रोत: ग्लोबल हिमालयन एक्सपिडिशन (http://www.ghe.co.in/)
चित्र : कर्टसी ग्लोबल हिमालयन एक्सपिडिशन