हमारे ई-बेस कार्यक्रम के भाग के रूप में, हमने अपने उपर ना सिर्फ कार्बनिक अपितु स्थिरता लाने की भी जिम्मेदारी ली! इस साल का हमारा दूसरा परियोजना कार्य यहाँ प्रस्तुत है-
कोहका मध्य विद्यालय के पास अब एक अत्यंत मनोरंजक इकाई है – उर्वरक इकाई!
Monisha Narke conducting a waste audit in Kohka Middle School
आरयूआर (RuR) की मनीषा नारके ने छात्रों को कचरे के पृथक्करण और रसोई के कचरे से खाद बनाने के सिद्धान्त से परिचित कराया – पेंच में यह एक अत्यंत असाधारण बात है।
Going through the biodegradable garbage generated at the school
एक अत्यंत मनोरंजक सत्र के माध्यम से मनीषा ने छात्रों को उनके कचरे से परिचित कराया और यह भी बतलाया कि उनमें से कौन सा बायोडीग्रेडेबल है और कौन सा नहीं। फिर, कुछ गणना का समय आया और छात्रों ने यह एहसास किया कि उनके विद्यालय में उत्पन्न करीब ७०% कचरों को कुछ उपयोगी खादों में तब्दील किया जा सकता है।
इकाई की फौरी और आसान स्थापना के बाद, हम रसोई के कचरे को खाद इकाई से बाहर ले जाने के लिए तैयार थे। एक घंटे के अंदर हमने यह कार्य पूरा कर लिया और हमारी उर्वरक की अगली फसल के लिए योजना बनाने के लिए हम तैयार थे।
Setting up the compost unit with the help of the 7th and 8th graders.
Students fighting over who would get to fill the drum with kitchen waste first!
कोहका में हमारे बहुत लम्बे दिन को समाप्त करने के लिए (जैसे हमने वहाँ प्रवेश किया, बारिश शुरू हो गई) हमने छात्रों का कचरे के बारे में ज्ञान जांचने के लिए एक बीस प्रश्न का क्विज़ खेला।
Needless to say, the students absolutely loved this game and it helped them revise their learning of waste too!
खाद बनाना कहने में बहुत आसान लगता है लेकिन हक़ीक़त में यह दैनिक रखरखाव वाला काम है। हालांकि हम चिंतित नहीं हैं – क्योंकि हमें दृढ-संकल्प छात्रों की एक टोली मिल गई है और यह सुनिश्चित है कि हम खाद की कुछ बहुत अच्छी उपज पाने वाले हैं!
Here’s hoping we have a good harvest in the next 6 weeks!
उर्वरक उत्पादन पर हमारे प्रमुख प्रयास की यात्रा के बारे में जानने के लिए फेसबुक और ट्विटर पर हमारा अनुसरण करें और #compostingdiaries पढ़ें।
(ई-बेस कार्यक्रम सभी ई-बेस पर सीखे अभ्यासों को व्यवहार में लाने के बारे में है। हमारे मॉड्यूल हम से संबद्ध स्कूलों में हमारी परियोजनाओं के माध्यम से हाथों-हाथ और व्यावहारिक कार्यानवयन से परिपूर्ण हैं। इस साल की तीन मुख्य परियोजनाएं – जैविक बागवानी, खाद और उर्जा उत्पादन एक चक्र के रूप में, पर्यावरण की स्थिरता और संरक्षन की दिशा में प्रतिबद्धता को अपनाने के उद्देश्य के लिए हैं।)